गुजरात में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड भी बढ़ गई है। कोरोना में बेहद असरदार माने जाने वाले इस इंजेक्शन को खरीदने के लिए मेडिकल स्टोरों पर लंबी लाइन लगी हुई हैं। एक ओर सरकार ये दावा कर रही है कि ये इंजेक्शन स्टॉक में नहीं है, जिसके चलते प्राइवेट हॉस्पिटल में इसे उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है, वहीं बीजेपी कार्यालय से ये इंजेक्शन फ्री में दिए जा रहे हैं।
गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा, बीजेपी कार्यालय से 5 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना संक्रमित लोगों के रिश्तेदारों को फ्री में मुहैया कराए जा रहे हैं। अब इसे लेकर राजनीति गरमा गई है। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि राज्य में लोगों के स्वास्थ्य को संभालने और इस महामारी के वक्त में इंजेक्शन मुहैया करवाने की जिम्मेदारी सरकार की है या फिर संगठन की। जिस इंजेक्शन की व्यवस्था सरकार नहीं कर पा रही है, लेकिन वहीं इंजेक्शन सीआर पाटिल बीजेपी दफ्तर से सब को मुफ्त में बांट रहे हैं। आखिर बीजेपी अध्यक्ष के पास इतनी बड़ी तादाद में ये कंट्रोल ड्रग्स आए कहां से?
आज इसी को लेकर जब मुख्यमंत्री विजय रुपानी को पूछा गया कि सरकार के पास स्टॉक की कमी है, लेकिन बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ये इंजेक्शन लोगों को बीजेपी दफ्तर पर मुफ्त में बांट रहे हैं, तो गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा सवाल सीआर पाटिल से पूछें कि वो कहां से लाए इंजेक्शन। सरकार ने एक भी इंजेक्शन सीआर पाटिल को नहीं दिया है। इसके बाद सवाल सीआर पाटिल से पूछा गया कि ये इंजेक्शन वो भी 5000 कहां से आए। तो बीजेपी प्रदेश ने कहा वो हमने खुद मेनेज किए हैं। कोरोना के वक्त लाइफ सेविंग इस इंजेक्शन को फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट के जरिए कंट्रोल किया गया है। इतना ही नहीं बीजेपी अध्यक्ष ट्वीट कर लोगों को रेमडेसिविर मुफ्त में देने की जानकारी दे रहे हैं।
तो वहीं कांग्रेस ने अब इस मामले में बीजेपी पर इंजेक्शन की काला बाजारी का आरोप लगाया है। अर्जुन मोढवाडिया ने पीएम मोदी को ट्वीट करते लिखा है कि श्पाटिल भाउ के पास 5000 इंजेक्शन कहां से आए, ये सिर्फ राजनीति ही नहीं, क्रिमिनल एक्ट है।