सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम का विरोध तेज हो गया है। राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम युवा भी इसका विरोध जता रहे हैं। खासकर बिहार में बवाल बढ़ता जा रहा है। आज बिहार के जहानाबाद, बक्सर में छात्रों ने बवाल किया है। वहां छात्रों ने सड़कों को जाम किया और आगजनी भी हुई। छात्रों ने जहानाबाद में NH-83 और NH-110 जाम कर आगजनी की।
इससे पहले बक्सर, मुजफ्फरपुर, गया में भी विरोध हुआ था। सेना में चार साल की भर्ती वाली इस स्कीम से नाराज युवाओं ने कल पत्थरबाजी भी की थी। बिहार के बक्सर जिले में रेल यातायात और सड़क ट्रैफिक बाधित किया गया था। बक्सर में करीब 100 युवाओं ने रेलवे स्टेशन पर विरोध किया था। इसकी वजह से ट्रेन सर्विस भी बाधित हुई थी। प्रदर्शन की वजह से जनशताब्दी एक्सप्रेस करीब 30 मिनट लेट हो गई थी। बक्सर में आज भी प्रदर्शन जारी है।
कल बक्सर स्टेशन से गुजरने वाली पाटलिपुत्र एक्सप्रेस पर प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके जाने की भी खबरें आई थी। इससे पहले बुधवार को मुजफ्फरपुर में सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवाओं ने चक्कर मैदान में प्रदर्शन किया था। वहां इन युवाओं ने कुछ टायरों में आग लगा दी थी। प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने कहा था कि वे इस बात से हताश हैं कि फिजिकल क्लीयर होने के बावजूद दो साल से सेना ने उनको भर्ती नहीं किया है। वहीं इसी बीच सरकार नई स्कीम लेकर आ गई है।
भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी। इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा। ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे।
-ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी।
-इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी।
-30-40 हजार मासिक वेतन के साथ अन्य लाभ भी दिए जाएंगे।
-पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा।
-चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी।
-सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा।
अग्निपथ भर्ती योजना का क्यों हो रहा है विरोध?
सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्म्ड फोर्सेज में 4 साल की नौकरी के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की। इसके तहत 90 दिनों के भीतर करीब 46 हजार भर्तियां होनी है। बताया गया है कि ये भर्तियां देश के सभी 773 जिलों से होंगी। लेकिन कई युवा इससे खुश नहीं है। कहा जा रहा है कि इससे पिछले दो साल में हुई परीक्षाओं का कोई औचित्य नहीं रह गया, क्योंकि बताया गया कि वो भर्तियां भी इसी प्रोग्राम के तहत होंगी।
परीक्षा देकर रिजल्ट का इंतजार कर रहे कई स्टूडेंट्स सरकार के इस फैसले से नाराज हैं। सड़कों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी गुस्सा देखा जा रहा है।
युवा सवाल कर रहे हैं कि 25 फीसदी अग्निवीरों को तो कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों का चार साल बाद क्या होगा। उन्हें भत्ता तो सरकार दे देगी, लेकिन नौकरी कहां से आएगी?
युवाओं और विपक्षी पार्टियों की मुख्य चिंता यही है कि चार साल बाद अग्निवीरों का क्या होगा? ऐसी चिंताओं के बीच कल गृह मंत्रालय ने ऐलान किया था कि इस योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद राज्य सरकारों ने भी अलग-अलग ऐलान किये थे।