भारी हंगामे के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। राहुल गांधी अपने आवास ‘12 तुगलक लेन’ से पार्टी मुख्यालय ‘24 अकबर रोड’ पहुंचे। उनके साथ प्रियंका गांधी वाद्रा भी मौजूद थीं। इसके बाद वह एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी कार्यालय की तरफ पैदल रवाना हुए, इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और राहुल गांधी के प्रति अपना समर्थन जताया।
राहुल गांधी की पेशी को देखते हुए कांग्रेस ने देश भर में सोमवार को ईडी कार्यालयों के बाहर सत्याग्रह का फैसला किया था और दिल्ली में भी बड़े पैमाने पर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रखी थी। इस बाबत सैंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए थे, पार्टी के प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर पुलिस ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और पार्टी मुख्यालय के आसपास धारा 144 लगा दी। बता दें कि राहुल गांधी ईडी कार्यालय तक जाने के लिए कांग्रेस मुख्यालय से थोड़ी दूर तक पैदल चले, पुलिस ने इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोक दिया।
हालांकि, जब कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं मानें और पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे तब अकबर रोड पर एआईसीसी कार्यालय के आसपास के इलाकों से पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और केसी वेणुगोपाल को पुलिस ने हिरासत में लिया और उन्हें तुगलक रोड पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पार्टी के दीपेंद्र एस हुड्डा और अशोक गहलोत को भी हिरासत में लेकर फतेहपुर थाने ले जाया गया है। इसके अलावा कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने डिटेन किया गया है, जिसमें रणदीप सुरजेवाला, हरीश रावत व प्रमोद तिवारी भी शामिल हैं।
इस दौरान पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं, हंगामा बढ़ता देख राहुल और प्रियंका कार में बैठकर ईडी कार्यालय के लिए रवाना हुए। राहुल गांधी की ईडी के समक्ष पेशी के दौरान कांग्रेस के प्रस्तावित मार्च से पहले दिल्ली पुलिस ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय के आसपास अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगा दी और कहा कि इसका उल्लंघन नहीं किया जाए। इससे पहले, पुलिस ने कांग्रेस को मार्च के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
ईडी के समक्ष राहुल की पेशी से पहले उनके बहनोई रॉबर्ट वाद्रा ने सोमवार को उनके साथ एकजुटता प्रकट करते हुए कहा कि राहुल सभी ‘निराधार आरोपोंश् से मुक्त होंगे। वाद्रा ने अपने खिलाफ दर्ज मामले का हवाला देते हुए कहा कि ईडी ने उन्हें 15 बार बुलाया और पूछताछ की।
उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि सरकार उत्पीड़न के जरिये देश के लोगों को दबा नहीं सकेगी। वाद्रा ने कहा, राहुल, आप निश्चित तौर पर इन निराधार आरोपों से मुक्त होंगे। उनका कहना है कि कांग्रेस का नेतृत्व सच के लिए लड़ रहा है और देश की जनता उसके साथ खड़ी है।
वहीं, मुख्य विपक्षी दल के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ईडी को भाजपा का ‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिमार्टमेंट करार दिया और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के सत्याग्रह को रोकने के लिए नयी दिल्ली के इलाके में अघोषित आपातकाल लगा दिया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि पुलिस ने कांग्रेस के बहुत सारे कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है और कई नेताओं को नजरबंद कर दिया है।