केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों में सैलरी बढ़ाने के लिए नया फॉर्मूला तैयार होगा। फिटमेंट फैक्टर से बढ़ने वाली सैलरी से नए फॉर्मूले पर विचार हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार 88th Pay Commission के लिए नया फॉर्मूला 2024 के बाद लागू होने की उम्मीद है। पिछले दिनो केंद्र सरकार की तरफ से कर्मचारियों को 18 महीने का डीए एरियर देने से मना कर दिया गया है। अब नए फॉर्मूले से कर्मियो को राहत मिल सकती है।
सरकार की और से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 2016 में लागू किया गया था। सूत्रों के अनुसार 8वें वेतन आयोग में नए फॉर्मूले से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी हर साल तय होगी। सरकार की और से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। कॉस्ट ऑफ लिविंग मे हर साल बढ़ रहा है। ऐसे में हर साल सैलरी में इजाफा करना ज्यादा बेहतर विकल्प रहेगा।
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी के लिए Aykroyd फॉर्मूले पर विचार हो सकता है। फिलहाल फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी तय होती है। इस पर हर छह महीने में महंगाई भत्ता रिवाइज होता है। बेसिक सैलरी में कोई इजाफा नहीं होता है। नए फॉर्मूले से कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई कॉस्ट ऑफ लिविंग और कर्मचारी की परफॉर्मेंस से जोड़ा जाएगा। इन सब चीजों के आंकलन के बाद ही हर साल सैलरी में इजाफा हो सकेगा।
सरकार की कोशिश सभी वर्ग के कर्मचारियों को एक समान फायदा हो। अभी ग्रेड-पे हिसाब से हर किसी की सैलरी में बड़ा अंतर है। नए फॉर्मूलेे इस अंतर को कम करने की कोशिश कर सकता है। सरकारी विभागों में अभी कुल 14 पे-ग्रेड हैं। केंद्रीय कर्मचारियों के रहन-सहन को बेहतर बनाना सरकार का मकसद है। नए फॉर्मूले का सुझाव अच्छा है पर अभी तक ऐसे किसी भी फॉर्मूले पर चर्चा नहीं हुई है। 8वां वेतन आयोग में क्या होगा यह कहना अभी जल्दबाजी होगी।
लगातार बढ़ती महंगाई के मुकाबले सैलरी में इजाफा काफी कम होता है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के समय जस्टिस माथुर ने इशारा कर कहा कि हम पे-स्ट्रक्चर को नए फॉर्मूले की तरफ ले जाना चाहते हैं। इसमें कॉस्ट ऑफ लिविंग को ध्यान में रखकर सैलरी तय की जाती है। Aykroyd फॉर्मूला लेखक वॉलेस रुडेल आयकरॉयड ने दिया था। उनका मानना था आम आदमी के लिए भोजन व कपड़ा सबसे जरूरी है।