दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार शाम हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद अब नॉर्थ ईस्ट दिल्ली पूरी तरह शांत है। मौजपुर के घौंडा को लेकर शाम मे कुछ अफवाहें फैलाई गई थीं जो झूठी थी। माहौल खराब करने के लिए ये अफवाहें फैलाई गई थीं। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली डीसीपी संजय सेन ने सभी अफवाहों का खंडन करके साफ कर दिया गलत खबरें हैं। नार्थ ईस्ट दिल्ली पूरी तरह शांत है। ऐहतिहातन पैट्रोलिंग की जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि सोशल मीडिया पर ध्यान न दें। वहां झूठी खबरें फैलाई जाती हैं।
इस मामले में पुलिस के स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा है कि केस उनके पास ही है। अभी ट्रांसफर नहीं किया गया है। अमूमन ऐसे केस की जांच क्राइम ब्रांच करती है। रविवार सुबह भी जहांगीरपुरी इलाके में आगजनी और पत्थरबाजी का सबूत देखे जा रहे हैं। हर गली के बाहर दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री के जवान तैनात हैं। इस दौरान लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की जा रही है।
सवाल यही उठ रहा है कि आखिर हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर बवाल कहां से शुरू हुआ। मस्जिद से 50 मीटर आगे एक मंदिर है। शोभायात्रा उस मंदिर के पास की गली से निकली और मस्जिद के आगे से गुजरी। शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि शोभायात्रा के पीछे चल रहे लोगों का विवाद दूसरे समुदाय के लोगों के साथ हुआ। इसके बाद पत्थरबाजी और आगजनी शुरू हो गई।
फिलहाल इलाके में शांति बनी हुई है। हिंसा के बाद सड़क पर फैले कांच और जले हुए वाहनों व पत्थरों की दिल्ली पुलिस ने रात में ही सफाई करवा दी है। सड़क से जली हुई बाइक और बिखरे पत्थरों को हटा दिया गया है। शनिवार शाम हुई हिंसा के बाद गृहमंत्री ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद दिल्ली पुलिस की 10 टीमें हिंसा के मामले की जांच कर रही है।