मध्यप्रदेश के रीवा जिले में नाबालिग का बाल विवाह तिगुने उम्र के व्यक्ति से होने जा रहा था लेकिन ऐन मौके पर पहुंची पुलिस ने शादी रूकवा दी। जबकि नाबालिग शादी करने की जिद कर रही थी और पिता शादी के खिलाफ थे। रिश्ता तय करने से लेकर शादी का पूरा इंतजाम मौसी-मौसा कर रहे थे। पुलिस ने दोनों पक्षों पर मामला दर्ज किया है और मामले की जांच महिला बाल विकास को सौंपी दी है।
रीवा जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर सिरखिनी गांव में 16 साल की नाबालिग लड़की का विवाह 45 वर्षीय व्यक्ति से होने जा रहा था। नाबलिग को शादी के बंधन में बांधने की तैयारी चल रही थी। मंडप सजा था और मेहमान जुटे हुये थे, तभी इसकी भनक महिला बाल विकास विभाग के सुपरवाइजर को लग गई। विभाग के अधिकारियों ने पुलिस को सूचित किया तो पुलिस दलबल के साथ मौके पर पहुंच गई। जांच में पाया गया कि नाबालगि की उम्र महज 16 वर्ष 4 माह है और उसकी शादी 45 वर्षीय श्रवण चतुर्वेदी से होने जा रही थी।
ऐन मौके पर पुलिस और महिला बाल विकास की टीम पहुंची और बाल विवाह पर रोक लगा दी। हालांकि, शादी के लिए नाबालिग जिद कर रही थी जिसे समझाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी। नाबालिग ने दलील दी कि वह आगे की पढ़ाई करना चाहती है इसलिये शादी करना जरूरी है। वहीं, दुल्हन के पिता शादी के खिलाफ थे बावजूद इसके मौसी-मौसा ने रिश्ता तय किया और शादी के लिए मेहमानों को आमंत्रण भेजा। इन्हीं ने शादी का पूरी व्यवस्था भी की। पुलिस ने ना केवल इस बाल विवाह को रोका बल्कि मामला दर्ज किया है। इस पूरे मामले की जांच महिला बाल विकास विभाग कर रहा है।
रीवा एएसपी शिव कुमार वर्मा ने बताया कि रायपुर कर्चुलियान थाना के सिरखिनी गांव का मामला है। नाबालिग की शादी होने जा रही थी जिसे रोक दिया गया। महिला बाल विकास विभाग को जांच सौंपी गई है।