झारखंड में मां मनसा पूजा के अवसर पर जहरीले सांपों की पूजा की गई है। इस दौरान ही सांपों को गले में टांग कर नृत्य किया गया है। इस नजारे को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी है। गिरिडीह शहरी क्षेत्र के शीतलपुर में आयोजित मां मनसा पूजा के दौरान शनिवार को अद्भुत नजारा देखने को मिला है। पूजा के दौरान जहरीले सांपों की नृत्य प्रस्तुत की गई है। मनसा मंगल के भक्ति गीतों के बीच जांत की धुन के साथ आयोजित पूजा से आस-पास का माहौल भक्तिमय हो उठा है।
पूजा करने वाले शिवभक्त सर्प देवी मां मनसा की पूजा मे सांपों के साथ नृत्य पेश करते है। जहरीले सांपों की माला पहनते है। नुकीले शूलों को अपनी जीभ और चेहरे के साथ शरीर के अंगों पर बिधवाते है। न तो उन्हें दर्द होता है और न डर लगता है। मान्यता है यह कि शिव पुत्री मां मनसा सर्प की देवी है। मां मनसा की पूजा से बिच्छू व सर्पदंश से सुरक्षित रहने के साथ सर्पदोष से भी मुक्ति मिलती है।
इन्हें शिव पुत्री, विष की देवी, कश्यप पुत्री और नागमाता के रूप में माना जाता है। देवी मनसा की पूजा बरसात के दौरान की जाती है। क्योंकि सांप अधिक सक्रिय रहते हैं। सर्प देवी की पूजा के लिए भक्त पूरे 9 दिन का उपवास करने के साथ ही पूर्णाहूति के दिन गले में जहरीले सांपों की माला पहनकर पूजा करते है।