बिहार में लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों के बीच कलह कम होने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को तेजप्रताप ने तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव पर आरोप लगाया कि वह तेजस्वी से बात नहीं करने दे रहा है। न ही मिलने। तेजस्वी से बात करने पहुंचे तेजप्रताप यादव ने राबड़ी देवी के आवास से बाहर आकर गुस्से में ये बातें कहकर निकल गए। राबड़ी देवी के आवास से तेजप्रताप यादव बाहर निकलकर गुस्से में बोले कि तेजस्वी से जब हम बात कर रहे हैं इस मैटर पर संजय यादव आकर हमको रोकने का काम किया है। बीच में इंटरप्ट करने का काम किया है। इससे पहले तेजप्रताप ने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि लालू जी से जा कर पूछिये हू इज तेजप्रताप यादव। कल भूल जायेंगे। बोलेंगे हू इज लालू यादव। आरजेडी छात्र इकाई के अध्यक्ष आकाश यादव को हटाये जाने पर तेजप्रताप ने कहा, हम संवैधानिक पद पर नही है। जब हम छात्र आरजेडी के संरक्षक है तो मुझसे पूछा क्यों नही गया। यह चाह रहे हैं समाज में घर बदनामी हो।
पिताजी के साथ काम कर चुके है सिनियर है। बिना किसी को नोटिस दिये आपने कह दिया हू इज तेज प्रताप यादव? लालू जी से जा कर पूछिये हू इज तेजप्रताप यादव। जगदानंद सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष पार्टी दफ्तर को बांध कर रखते है। हम संगठन को बढाने का काम कर रहे है, तोडने का नहीं। इस तरह का बात संगठन में उठा तो हमसे पूछा क्यो नही गया था। पार्टी के संविधान की धारा 33 मे लिखा है कि आप किसी को ऐसे बाहर नही कर सकते हैै। अपने करीबी आकाश यादव को आरजेडी की छात्र इकाई से हटाए जाने पर तेजप्रताप यादव नाराज हो गए थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी ये भूल गए है की पार्टी संविधान से चलती है। आरजेडी का संविधान कहता है बिना नोटिस दिए पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते है। आज जो भी हुआ है वो आरजेडी के संविधान के खिलाफ हुआ है।