Firozabad News। आज dhanteras 2023 मनाया जाएगा, आज भगवान धन्वंतरी का दिन है, जो आयुर्वेद के जनक हैं। कोरोना काल में आमजन का आयुर्वेद (National Institute Of Ayurveda) के प्रति सरकार इससे भी बड़ा विश्वास हासिल नहीं कर सकी.
National Institute Of Ayurveda अस्पतालों में मरीज तो बढ़े हैं, लेकिन चिकित्सकों की कमी है। अधिकांश चिकित्सालय किराये के या जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं। जिले में कुल 26 आयुर्वेदिक एवं दो यूनानी चिकित्सालय हैं। जिले में कुल 13 आयुर्वेदिक चिकित्सकों की तैनाती के कारण ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में संचालित चिकित्सालय चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं।
संसाधनों की कमी भी चिकित्सालयों में है। खासतौर पर जांच संबंधी उपकरण उपलब्ध नहीं होने के कारण आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए पहुंचने वाले मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है। जिला अस्पताल सहित महावीर नगर में जहां जिला स्तरीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय हैं। वहीं शिकोहाबाद स्थित करहरा, सिरसागंज, पैगू, गढ़सान, मुहम्मदपुर, धनुपुरा, जौधरी एवं बछगांव आदि में (National Institute Of Ayurveda) आयुर्वेदिक चिकित्सालय संचालित हैं।
-आयुर्वेदिक अस्पताल (National Institute Of Ayurveda) में चिकित्सकों की कमीं है। 26 चिकित्सालयों के सापेक्ष जनपद में 13 चिकित्सक हैं। अगर थोड़ा ध्यान दिया जाए तो आयुर्वेदिक चिकित्सा फिर आगे बढ़ सकती है। जहां चिकित्सक तैनात हैं, वहां 70 से 80 मरीजों की ओपीडी रहती है।
चिकित्सक। शरद वर्मा, आयुर्वेद एवं यूनानी सरकारी अधिकारी
-सरकार आयुर्वेदिक चिकित्सा पर विशेष ध्यान दे, तभी कुछ बात बन सकती है। सरकार ने कई जड़ी-बूटियों पर भी रोक लगा दी है। आयुर्वेदिक कॉलेज (National Institute Of Ayurveda) की कमी भी आयुर्वेद चिकित्सा की तरक्की में बाधा है। कोरोना के बाद आयुर्वेद अस्पतालों में मरीज बढ़े हैं। एलोपैथिक दवाओं से तंग आ चुके होते हैं, वह आयुर्वेद से बीमारी को हरा देते हैं।
डाॅ. सुग्रीव कुमार अशोक, वैद्य आयुर्वेदिक अस्पताल, महावीर नगर